नाइजर में आतंकवादियों के हमला से 29 सैनिकों की मौत

नाइजर के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सौ से अधिक आतंकवादियों ने ब्लास्ट के उपकरणों और वाहनों के उपयोग से सैनिकों को निशाना बनाया।

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नाइजर की स्थिति तनावपूर्ण है, यहां पश्चिमी नाइजर में संदिग्ध आतंकवादियों ने जोरदार हमला करके 29 सैनिकों मौत के घाट उतार दिया है और दो सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए है। इस घटना के बाद नाइजर में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया। नाइजर के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सौ से अधिक आतंकवादियों ने ब्लास्ट के उपकरणों और वाहनों के उपयोग से सैनिकों को निशाना बनाया और उन्हें मौत के घाट उतारा। वही मुठभेड़ के दौरान कई आतंकवादी भी मारे गए।

नाइजर के रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह हमला माली के साथ देश की सीमा के समीप उपस्थित ताबाटोल के पास सैन्य अभियान के दौरान हुआ है। इस बॉर्डर के इलाके में नाइजर सैनिक गश्त लगाते हैं। इसका मकसद बॉर्डर एरिया में इस्लामिक स्टेट की ओर से आने वाले खतरे को नेस्तनाबूत करना है। नाइजर रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘आतंकवादियों के संचार को रोक दिया गया है, जिन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया था’। रक्षा मंत्रालय मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि हमलावरों ने बाहरी मदद का लाभ उठाया।

जिहादी विद्रोह ने एक दशक से अधिक समय से अफ्रीका के साहेल क्षेत्र को प्रभावित किया है, जो 2015 में पड़ोसी नाइजर और बुर्किना फासो में फैलने से पहले 2012 में उत्तरी माली में फैल चुका था।

नाइजर, माली और बुर्किना फासो के बीच तीन सीमाएं क्षेत्र नियमित रूप से इस्लामिक स्टेट समूह और अल-कायदा से जुड़े आतंकवादियों के हमलों का क्षेत्र रहा है। हिंसा ने तीनों देशों में सैन्य कब्ज़े को बढ़ावा दिया है। जिसमें नई घटना नाइजर से जुड़ी है, जब 26 जुलाई को तख्तापलट हुआ है। बता दें कि अगस्त में नाइजर और बुर्किना फासो के बीच सीमा के पास संदिग्ध जिहादियों के हमले में कम से कम 17 नाइजीरियाई सैनिक मारे गए और 20 घायल हो गए। नाइजर दो जिहादी विद्रोहियों से जूझ रहा है। पहला पड़ोसी नाइजीरिया में लंबे समय से चल रहे संघर्ष के कारण इसके दक्षिण-पूर्व में फैला हुआ विद्रोह और दूसरा पश्चिम में माली और बुर्किना फासो से आने वाले आतंकवादियों का आक्रमण।

नाइजर के तख्तापलट के बाद से अपदस्थ बज़ौम को उनकी पत्नी और बेटे के साथ उनके राष्ट्रपति निवास में रखा गया है। सोमवार को उनके वकीलों ने कहा कि उन्होंने तख्तापलट करने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।साहेल में जिहादी विरोधी तैनाती के हिस्से के रूप में फ्रांस ने पूर्व पश्चिम अफ्रीकी उपनिवेश में अपने लगभग 1500 सैनिकों को रखा है और तख्तापलट करने वाले नेताओं से उनकी वापसी के लिए बातचीत की मांग की है।