नर्मदापुरम के मेहर परिवार ने एक यातायात दुर्घटना में अपने बेटे को खोने के बाद एक मानवीय आंदोलन शुरू किया। ताकि किसी और के बेटे-बेटी की जान न जाए। इस परिवार ने अपने मरे बेटे के तेरहवीं पर उसके सभी दोस्तों और परिवार को हेलमेट दिया। सभी से हेलमेट पहनकर वाहन चलाने की अपील की।
नर्मदापुरम के मेहर परिवार ने अपने युवा बेटे चंद्रशेखर को खो दिया। उसका सड़क दुर्घटना के बाद निधन हो गया था। चंद्रशेखर हेलमेट नहीं पहने था। इसलिए उसके सिर में गहरी चोट लगी और वही उसकी मौत की वजह बन गयी। अगर चंद्रशेखर ने हेलमेट पहना होता तो उसकी जान बचायी जा सकती थी। परिवार को बार बार यही अफसोस होता है कि काश बेटे ने उनकी बात मानी होती और हेलमेट पहना होता।
किसी और के साथ ऐसा न हो
बेटे की मौत के वज्रपात से पूरा परिवार गहरे शोक और सदमे में है। चंद्रशेखर की मौत के बाद परिवार कांपते हाथों से उसका अंतिम संस्कार भी कर आया। बारी आयी तेरहवीं की तो परिवार ने संकल्प लिया कि ऐसी लापरवाही से अब वो किसी और की जान नहीं जाने देंगे। इसलिए बेटे की तेरहवीं के मौके पर मेहर परिवार ने उसके दोस्तों को हेलमेट बांटे। जिससे किसी और परिवार को इस तरह का दुख न सहना पड़े।