झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस के करीब 12 विधायक न कुश नजर आरहे है जानकारी के अनुसार कांग्रेस के 12 विधायक मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों के फिर से मंत्री बनाए जाने को लेकर नाराज है। इस वजह से झारखंड कांग्रेस में मतभेद उभरता हुआ नजर आ रहा है। इन विधायकों का कहना है कि मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि कांग्रेस के मंत्री ने लंबे समय से काम नहीं किया है, जिसकी वजह से जनता नाराज है।
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शुक्रवार को मंत्रिमंडल की घोषणा की थी। इसी वजह से पार्टी में फूट आती दिख रही है। 17 फरवरी को राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की सूची भेजी थी, जिसमें पहले 12वें मंत्री के तौर पर झामुमो कोटे से लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम का भी नाम शामिल था। मंत्रियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की राजभवन में सभी तैयारियां भी पूरी थीं लेकिन बाद में बैद्यनाथ राम का नाम मंत्रियों की सूची से हटा दिया गया था। इससे नाराज बैद्यनाथ राम ने अपनी ही सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि अगले दो दिनों में उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो वह कड़ा कदम उठाएंगे।
12 विधायकों को सौंपे गए हैं विभाग
चंपाई सोरेन ने शुक्रवार को मंत्रियों को विभागों का आवंटन किया था। सीएम ने आवंटित नहीं किए गए विभागों के अलावा गृह और कार्मिक जैसे प्रमुख विभाग अपने पास रखे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) सुप्रीमो शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन के साथ दीपक बिरुआ 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल में नए चेहरों में से हैं। बसंत को सड़क निर्माण, भवन निर्माण और जल संसाधन का कार्यभार दिया गया है। बिरुआ को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी कल्याण और परिवहन मंत्रालय दिया गया है।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में आबकारी मंत्री रहीं बेबी देवी को महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग दिया गया। सत्यानंद भोक्ता को श्रम विभाग फिर से सौंपा गया है और उद्योग विभाग का कार्यभार भी दिया गया, जबकि बन्ना गुप्ता के पास स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्रालय कायम रहेगा। बादल पत्रलेख कृषि एवं पशुपालन मंत्री बने रहेंगे, अल्पसंख्यक कल्याण, पर्यटन, खेल और युवा मामले विभाग की जिम्मेदारी हफीजुल हसन को सौंपी गई है।