Rampur: उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर (Rampur) उत्तराखंड की सीमा से सटा है और यही कारण है कि जनपद से होकर 3 प्रमुख नदियां रामगंगा, कोसी और पीलाखार वरदान और अपने कहर के रूप में जानी जाती हैं। समय से इन नदियों में खनन माफिया सक्रिय नजर आ रहे थे। अवैध खनन कर सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व पर डाका डालने पर उतारू थे। अब कुछ समय से प्रशासन सक्रिय नजर आया और फिर खनन माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू हो गया। ताजा मामला डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ की अगुवाई में की गई कार्यवाही से जुड़ा है। जिसके तहत 104 अवैध खनन करने वाले ट्रकों को पकड़वाया गया। यही नहीं इस कार्यवाही के दौरान 90 लाख रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है ।
जनपद रामपुर (Rampur) और उत्तराखंड की सीमा पर कुछ लोग कोसी नदी से अवैध खनन करते चले आ रहे हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों इसी अवैध खनन को लेकर हाईकोर्ट की नजर तिरछी हुई थी। जिसके चलते यहां पर डीएम रह चुके कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी उसके घेरे में आए थे। फिलहाल मौजूदा डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ की अगुवाई में अवैध खनन करने वालों पर प्रशासनिक चाबुक चलना जारी है। यही कारण है कि 1 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत 104 अवैध खनन ट्रैक्टर को पकड़ा जा चुका है। यही नहीं इस कार्यवाही में 90 लाख रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने कहा कि, “हम लोग लगातार प्रयत्नशील है। उत्तराखंड से जो भी गाड़ियां आती हैं और हमारे यहां से भी जितनी गाड़ियां निकलती है। उसमें किसी भी प्रकार से ओवरलोडिंग ना हो इस पर नजर रखी जायेगी। हमारी टीमें हर महीने चैकिंग करती हैं। 1 अगस्त से 31 अगस्त तक हम लोग एक विशेष अभियान चला रहे हैं, जिसमें हमारी रात्रि चेकिंग पुलिस की और राजस्व की टीम में है। वह लगातार चेकिंग कर रही है।
इसी क्रम में एक सूचना के आधार पर उत्तराखंड से कल 94 बिना रॉयल्टी के गाड़ियां और ओवरलोडेड गाड़ियां पकड़ी गयी। यह बड़ी कार्रवाई हमारी तहसील की टीम ने की है। एसडीएम टांडा के नेतृत्व में और इसी प्रकार से लगातार वे कार्यवाही करते रहें। 90 लाख रुपए की पेनल्टी भी लगायी गयी हैं। लगातार हमारा प्रयास है कि जो भी अपना व्यापार कर रहे हैं, वे वैध कागज़ों पर अपना व्यापार करें। अगर ओवरलोडिंग में व्यापार करेंगे तो हम इसी तरह से कार्रवाई करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा हर व्हीकल ओवरलोडिंग नहीं होता है। इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए हमने कैमरा भी लगाए हैं लेकिन जो व्हीकल ओवरलोड होते हैं हम उस पर कार्रवाई करते हैं। दिन में हमारे रेवेन्यू ऑफिसर आफिस का काम करते हैं और रात में जाकर यह काम करते हैं। पुलिस की टीम को डायरेक्शन दे रखा है फिर भी जो लोग इलीगल व्यापार करते हैं उनको हम ढूंढ लेते हैं। हमारा प्रयास इस प्रकार से है कि हम उनकी कमर तोड़ दे। वैध व्यापार को बढ़ावा मिले ताकि सरकार को भी लगातार राजस्व प्राप्त हो और लोगों के कल्याणकारी काम हो सके और किसी को कोई और नुकसान ना हो। एक दो जो मार्ग है। एक्स्ट्रा जो मुझे अभी बताए गए हैं।